गुरुवार, 3 जुलाई 2025

DMart को हुआ ₹15,932 करोड़ का मुनाफा, फिर भी शेयर डाउन क्यों?

 

📈 DMart के Q1 FY26 नतीजे: दमदार राजस्व वृद्धि के बावजूद शेयरों में गिरावट

Avenue Supermarts, जिसे आमतौर पर DMart के नाम से जाना जाता है, ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1 FY26) के नतीजे घोषित कर दिए हैं। कंपनी ने इस तिमाही में शानदार 16% की साल-दर-साल (YoY) राजस्व वृद्धि दर्ज की है, लेकिन इसके बावजूद शेयर बाजार में कंपनी के स्टॉक्स में 3% से अधिक की गिरावट देखने को मिली।

dmart


🧾 DMart Q1 FY26 के मुख्य आँकड़े

मापदंडQ1 FY26YoY वृद्धि
कुल राजस्व₹15,932.12 करोड़+16.2% (पिछले साल ₹13,711.9 करोड़ से)
स्टोर की कुल संख्या4246–9 नए स्टोर जुड़े
स्टॉक प्रदर्शन₹4,225 के आसपास3–4% की गिरावट

📉 शेयरों में गिरावट क्यों?

DMart ने उम्मीद से बेहतर राजस्व तो हासिल किया, लेकिन विश्लेषकों को उम्मीद थी कि लाभ मार्जिन और समान-स्टोर बिक्री (same-store sales) में और मजबूती दिखाई देगी। बाजार को यह संकेत मिला कि मुनाफा और मार्जिन उतनी तेजी से नहीं बढ़े जितनी उम्मीद थी। इसी कारण कंपनी के शेयरों में दबाव देखा गया।


🧑‍💼 ब्रोकरेज हाउस की राय

DMart के नतीजों पर देश-विदेश के बड़े ब्रोकरेज हाउसों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है:

  • CLSA: "Outperform" रेटिंग जारी रखी है। टारगेट प्राइस ₹5,549 रखा गया है। CLSA का मानना है कि कंपनी की लॉन्ग टर्म ग्रोथ रणनीति मजबूत है।

  • Macquarie: "Underperform" की रेटिंग बरकरार है। टारगेट प्राइस ₹3,000 रखा गया है। इनका मानना है कि बिक्री की गति में सुस्ती आई है।

  • Goldman Sachs: "Sell" रेटिंग दी है और टारगेट ₹3,400 तय किया है। रिपोर्ट के अनुसार, कमजोर मार्जिन और बिक्री की रफ्तार चिंता का विषय है।

  • Morgan Stanley: "Underweight" की रेटिंग के साथ ₹3,260 का टारगेट दिया है। EBITDA मार्जिन ~7.8% रहने का अनुमान जताया गया है (पिछले वर्ष ~8.7% था)।


🏪 विस्तार की दिशा में नए कदम

इस तिमाही में कंपनी ने उत्तर प्रदेश के आगरा जैसे शहरों में नए स्टोर खोलकर अपना विस्तार जारी रखा है। DMart का टोटल स्टोर काउंट अब 424 हो गया है। इस तिमाही में करीब 6–9 स्टोर जोड़े गए, जिससे यह स्पष्ट है कि कंपनी देश के नए क्षेत्रों में पकड़ बना रही है।


🔍 विश्लेषण और आगे की रणनीति

DMart का बिजनेस मॉडल हमेशा ही कम लागत पर ऑपरेशनल एफिशिएंसी और बड़े वॉल्यूम पर आधारित रहा है। हालांकि, प्रतिस्पर्धा बढ़ने और इनपुट कॉस्ट में उतार-चढ़ाव के कारण मार्जिन पर दबाव बना हुआ है।

कंपनी की रणनीति अब ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में तेजी से विस्तार करने की ओर बढ़ रही है। इसके अलावा, ई-कॉमर्स में अपनी पकड़ मजबूत करना भी DMart के लिए अगला बड़ा कदम हो सकता है।


📌 निष्कर्ष

DMart ने Q1 FY26 में भले ही राजस्व के मोर्चे पर दमदार प्रदर्शन किया हो, लेकिन निवेशकों को मार्जिन और लाभप्रदता के मोर्चे पर अभी और मजबूती की उम्मीद है। कंपनी का दीर्घकालिक भविष्य उज्ज्वल नजर आता है, खासकर उसके निरंतर विस्तार और मजबूत ग्राहक भरोसे के चलते।

अगर आप DMart के शेयरधारक हैं या निवेश की सोच रहे हैं, तो इस तिमाही के नतीजे यह स्पष्ट करते हैं कि लॉन्ग टर्म में यह एक मजबूत खिलाड़ी बना रहेगा, हालांकि निकट भविष्य में उतार-चढ़ाव संभव हैं।

बुधवार, 2 जुलाई 2025

IndusInd Bank के शेयर में भारी गिरावट: जानिए वजह और आगे की राह

 

📉 IndusInd Bank पर संकट के बादल: ब्रोकरेज हाउस क्यों हुए सतर्क?

परिचय:
हाल के हफ्तों में IndusInd Bank चर्चा का केंद्र बना हुआ है। बैंक के शेयर में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है, जिसकी वजह रही इसकी कमजोर गवर्नेंस, फॉरेक्स अकाउंटिंग में गड़बड़ी और CFO के इस्तीफे जैसी घटनाएं। इस पर कई ब्रोकरेज हाउस ने अपनी निवेश राय में बदलाव किया है। इस ब्लॉग में हम IndusInd Bank के ताजा हालात, ब्रोकरेज रेटिंग्स और निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए – इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।


indusind bank



🧾 क्या हुआ है IndusInd Bank के साथ?

अप्रैल 2025 में बैंक के तिमाही नतीजों के दौरान यह खुलासा हुआ कि बैंक ने फॉरेक्स डेरिवेटिव से जुड़ी कुछ आय को गलत तरीके से अकाउंट किया था, जिससे लगभग ₹674 करोड़ की इनकम गलत तरीके से दिखा दी गई। इसके बाद बैंक का Q4 FY25 में ₹2,328 करोड़ का घाटा सामने आया – यह बैंक के इतिहास में पहली बार था।

इसके साथ ही CEO सुमंत कथपालिया ने अपना कार्यकाल आगे न बढ़ाने का निर्णय लिया और CFO ने भी इस्तीफा दे दिया। इससे गवर्नेंस पर गंभीर सवाल उठे हैं।


💼 ब्रोकरेज हाउस की राय:

🔻 नकारात्मक दृष्टिकोण:

  • ICICI Securities: ‘Sell’ रेटिंग दी गई है और टारगेट ₹650 रखा गया है। उनका मानना है कि FY25–27 में बैंक की रिटर्न ऑन एसेट (RoA) 1% से कम रहेगी।

  • Jefferies: ‘Underperform’ रेटिंग के साथ कहा कि बैंक में गवर्नेंस की कमजोरी लंबे समय तक असर डालेगी।

  • Motilal Oswal: टारगेट ₹925 रखा है और रेटिंग ‘Neutral’ कर दी है।

  • Nuvama: बैंक पर ‘Reduce’ रेटिंग दी और टारगेट ₹750 बताया।

⚖️ मध्यम नजरिया:

  • CLSA: पहले ‘Outperform’ की रेटिंग दी थी लेकिन अब इसे ‘Hold’ में बदल दिया है और टारगेट ₹780 कर दिया है।

  • Axis Capital: बैंक पर ‘Buy’ की रेटिंग बरकरार रखते हुए टारगेट ₹937 दिया है। उनका मानना है कि ज्यादा नेगेटिव पहले से ही कीमत में शामिल हो चुका है।

  • Elara Securities: रेटिंग को ‘Accumulate’ में बदला और टारगेट ₹1,050 रखा है।

📈 सकारात्मक दृष्टिकोण:

  • Nomura: IndusInd पर ‘Buy’ रेटिंग दी है और टारगेट ₹1,100 रखा है। उनका कहना है कि बैंक में पूंजी पर्याप्त है और माइक्रोफाइनेंस सेक्टर से रिकवरी आ सकती है।

  • Citi: ‘Buy’ रेटिंग जारी रखते हुए टारगेट ₹1,160 बताया है।

  • Emkay (Mint रिपोर्ट): टारगेट ₹2,000 दिया गया है, जो सबसे आक्रामक अनुमान है।


⚠️ मुख्य जोखिम (Risks):

  1. गवर्नेंस का संकट: CEO और CFO का जाना निवेशकों का भरोसा कमजोर कर सकता है।

  2. फॉरेक्स घोटाले की गहराई: एक्सटर्नल ऑडिट अभी बाकी है, और नुकसान ज्यादा हो सकता है।

  3. माइक्रोफाइनेंस NPA: बैंक की रिटेल लोन बुक में माइक्रोफाइनेंस का बड़ा हिस्सा है, जो अभी कमजोर है।

  4. प्रमोटर की भूमिका: हिंदुजा ग्रुप पूंजी डालने की योजना बना रहा है, जिससे कुछ राहत मिल सकती है।


📊 निवेशकों के लिए क्या रणनीति अपनाएं?

  • शॉर्ट टर्म में सतर्कता: जिन निवेशकों का लक्ष्य छोटा है, उनके लिए यह समय जोखिम भरा हो सकता है।

  • लॉन्ग टर्म निवेशक: अगर बैंक सफलतापूर्वक नया CEO लाता है, ऑडिट क्लीन निकलता है और माइक्रोफाइनेंस रिकवर होता है, तो यह एक लॉन्ग टर्म मौका बन सकता है।

  • डायवर्सिफिकेशन जरूरी: बैंकिंग सेक्टर में निवेश करते वक्त केवल एक बैंक पर भरोसा न करें।


🧾 निष्कर्ष:

IndusInd Bank इस समय संकट में जरूर है, लेकिन कई ब्रोकरेज हाउस अब भी इसमें लॉन्ग टर्म संभावनाएं देख रहे हैं। जो निवेशक जोखिम लेने को तैयार हैं, उनके लिए यह एक “Value Buy” हो सकता है, बशर्ते वे अगले कुछ महीनों तक गवर्नेंस और ऑडिट की स्थिति पर नजर बनाए रखें।

Dabur India Q1 FY26 रिपोर्ट: रेवेन्यू में उबरती मंदी, लेकिन लाभ और ब्रांड स्ट्रेंथ ने बनाए बैलेंस|

   Dabur India Q1 FY26 रिपोर्ट: रेवेन्यू में उबरती मंदी, लेकिन लाभ और ब्रांड स्ट्रेंथ ने बनाए बैलेंस भारतीय अग्रणी FMCG कंपनी Dabur India L...