भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India – SBI) ने आज यानी 16 जुलाई 2025 को कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं, जिनका असर आम जनता, निवेशकों और ऋण धारकों पर सीधा पड़ेगा। इनमें फंडरेजिंग, कर्ज दरों में कटौती, FD रेट बदलाव और QIP जैसे बड़े ऐलान शामिल हैं। इस ब्लॉग में हम SBI के आज के सभी अपडेट्स को विस्तार से समझेंगे।
🏦 SBI ने की ₹25,000 करोड़ की फंडरेजिंग का ऐलान
SBI ने ₹25,000 करोड़ जुटाने के लिए QIP (Qualified Institutional Placement) का ऐलान किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह QIP ₹790 से ₹800 के प्राइस बैंड में लॉन्च किया जाएगा और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) इसमें करीब ₹7,000 करोड़ का निवेश कर सकता है। इस फंड का इस्तेमाल बैंक अपनी पूंजी की स्थिति को मजबूत करने और भविष्य की योजनाओं में निवेश के लिए करेगा।
📈 शेयर मार्केट में SBI का प्रदर्शन
आज के कारोबारी सत्र में SBI के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी गई। BSE और NSE दोनों पर शेयर का भाव ₹832 से ₹834 के बीच रहा, जो कल की तुलना में लगभग 1.9% अधिक है। इसका मुख्य कारण QIP और बांड से जुड़े फंडरेजिंग घोषणाएं मानी जा रही हैं।
💰 बांड के जरिए ₹20,000 करोड़ जुटाने का फैसला
SBI के बोर्ड ने ₹20,000 करोड़ के बॉन्ड इश्यू को भी मंजूरी दी है, जो कि Basel III मानकों के अनुसार होगा। इसमें टियर-1 (AT1) और टियर-2 बांड्स शामिल होंगे। इन बांड्स का उद्देश्य बैंक की पूंजी की आवश्यकता को पूरा करना और नियामकीय अनुपालन को सशक्त करना है।
📉 MCLR में कटौती: अब कम हो सकते हैं आपके EMI
SBI ने अपने MCLR (Marginal Cost of Lending Rate) में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। नई दरें 15 जुलाई 2025 से प्रभावी हो चुकी हैं। इससे होम लोन, ऑटो लोन और अन्य लोन पर लगने वाली ब्याज दरें घट जाएंगी और EMI सस्ती होगी। नई MCLR दरें अब 7.95% से 8.90% के बीच हैं।
🏦 FD पर ब्याज दरों में बदलाव
SBI ने कुछ शॉर्ट टर्म फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स की ब्याज दरों में कटौती की है। खासकर 46 दिन से कम और 1 साल से कम की FD पर करीब 15 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई है। हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों और "अमृत वृध्दि FD" जैसी स्कीम्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
⚖️ कानूनी पहल और निवेश सुरक्षा
SBI ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है, जिसमें बैंक जैसे सुरक्षित ऋणदाताओं को संपत्तियों पर प्राथमिक अधिकार नहीं दिया गया था। बैंक का मानना है कि यह फैसला उनके हितों के विरुद्ध है और इससे ऋण वसूली में कठिनाई आएगी।
इसके साथ ही SBI ने NHAI के इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) में अपने निवेश को "वरिष्ठ ऋणदाता" (senior creditor) के रूप में दर्ज करने की मांग की है, जिससे भविष्य में डिफॉल्ट की स्थिति में बैंक को पहले भुगतान मिले।
📊 निष्कर्ष: आम नागरिक और निवेशक क्या करें?
SBI के आज के अपडेट्स से यह स्पष्ट होता है कि बैंक अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत कर रहा है। QIP और बॉन्ड के ज़रिए पूंजी जुटाना, ब्याज दरों में कटौती और निवेश की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदम, सभी संकेत करते हैं कि SBI भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार है।
निवेशक शेयर की बढ़ती कीमत और बाय रेटिंग को देखते हुए लंबी अवधि के निवेश पर विचार कर सकते हैं।
लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए यह राहत की खबर है, क्योंकि अब EMI सस्ती होगी।
FD धारकों को कुछ योजनाओं में कम ब्याज मिल सकता है, इसलिए स्कीम चयन से पहले ताजा दरें ज़रूर जांचें।
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