🛫 एयर इंडिया बोइंग 787 क्रैश: रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-185 की दुर्घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस भीषण हादसे में 241 यात्री और चालक दल के सदस्य तथा ज़मीन पर मौजूद 19 लोग कुल मिलाकर 260 लोगों की जान चली गई। अब इस हादसे पर भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है, जो कई चौंकाने वाले तथ्यों को सामने लाती है।
🚨 दुर्घटना की मुख्य वजह: ईंधन कट-ऑफ
AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, फ्लाइट के टेकऑफ के केवल 3 सेकंड बाद ही दोनों इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच "RUN" से "CUTOFF" में शिफ्ट हो गए, जिससे दोनों इंजन बंद हो गए। यह इतना अचानक हुआ कि पायलट कुछ समझ ही नहीं पाए।
रिपोर्ट के अनुसार, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट ने दूसरे से पूछा:
"तुमने फ्यूल क्यों कट किया?"
दूसरे पायलट का जवाब था:
"मैंने नहीं किया!"
यानी खुद पायलट भी कंफ्यूज थे कि यह हुआ कैसे।
🧪 तकनीकी खामी नहीं, हो सकती है मानवीय भूल
रिपोर्ट में यह साफ़ किया गया है कि बोइंग 787 के फ्यूल स्विच को आसानी से कट ऑफ नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसमें लॉकिंग मैकेनिज़्म होता है। इसका मतलब है कि या तो यह स्विच गलती से किसी ने दबाया, या फिर कुछ गड़बड़ी हुई है जिसे जांचना बाकी है।
हालांकि किसी तरह की मैकेनिकल फेल्योर की पुष्टि नहीं हुई है। यह संकेत करता है कि मानवीय त्रुटि (Human Error) इस हादसे की मुख्य वजह हो सकती है।
📦 डेटा रिकॉर्डर्स से क्या जानकारी मिली?
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कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) को रिकवर कर लिया गया है।
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रिकॉर्डिंग में साफ सुनाई देता है कि दोनों पायलट इंजन बंद होने के बाद तेज़ी से फ्यूल स्विच वापस RUN पर लाने की कोशिश करते हैं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
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विमान ने अपनी गति और ऊंचाई खो दी और अहमदाबाद के मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गया।
🛡️ एयर इंडिया और डीजीसीए की प्रतिक्रिया
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एयर इंडिया ने हादसे पर गहरा दुख जताया है और कहा है कि वो AAIB की जांच में पूरी तरह सहयोग कर रही है।
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DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने एयर इंडिया के सभी बोइंग 787 विमानों की अतिरिक्त जांच शुरू कर दी है।
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एयरलाइन के 33 ड्रीमलाइनर विमानों की विशेष सेफ्टी चेकिंग की जा रही है।
✈️ बोइंग और GE का स्टैंड
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बोइंग कंपनी और इंजन निर्माता GE Aviation दोनों AAIB की जांच में सहयोग कर रहे हैं।
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अभी तक किसी भी प्रकार की तकनीकी खराबी या डिजाइन दोष की पुष्टि नहीं हुई है।
🔍 आगे की जांच और संभावित बदलाव
AAIB ने फिलहाल किसी सुधारात्मक कदम (Corrective Action) की सिफारिश नहीं की है। लेकिन यह कहा गया है कि आगे की जांच में और तथ्य सामने आ सकते हैं।
पूर्ण रिपोर्ट एक साल के अंदर आने की संभावना है।
🌍 भारत ही नहीं, वैश्विक उड्डयन जगत सकते में
यह हादसा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के इतिहास का पहला बड़ा और घातक हादसा है। साल 2011 में ड्रीमलाइनर के आने के बाद से यह पहली बार हुआ है कि किसी विमान की इतनी बड़ी त्रासदी हुई हो।
इस घटना के बाद दुनिया भर में विमानन सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं, विशेष रूप से फ्यूल कट-ऑफ सिस्टम की डिजाइन और पायलट ट्रेनिंग को लेकर।
📌 निष्कर्ष
इस हादसे ने यह दिखा दिया है कि एक छोटी सी चूक भी कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है।
अब सवाल यह उठता है कि —
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क्या यह मानव त्रुटि थी?
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क्या पायलट ट्रेनिंग में कोई कमी थी?
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क्या डिज़ाइन फॉल्ट को पहले से रोका जा सकता था?
इन सभी सवालों के जवाब AAIB की अंतिम रिपोर्ट में मिलेंगे। तब तक एयर इंडिया और अन्य एयरलाइंस को अपने सुरक्षा मानकों को और कड़ा करना चाहिए।
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