📉 IndusInd Bank पर संकट के बादल: ब्रोकरेज हाउस क्यों हुए सतर्क?
परिचय:
हाल के हफ्तों में IndusInd Bank चर्चा का केंद्र बना हुआ है। बैंक के शेयर में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है, जिसकी वजह रही इसकी कमजोर गवर्नेंस, फॉरेक्स अकाउंटिंग में गड़बड़ी और CFO के इस्तीफे जैसी घटनाएं। इस पर कई ब्रोकरेज हाउस ने अपनी निवेश राय में बदलाव किया है। इस ब्लॉग में हम IndusInd Bank के ताजा हालात, ब्रोकरेज रेटिंग्स और निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए – इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
🧾 क्या हुआ है IndusInd Bank के साथ?
अप्रैल 2025 में बैंक के तिमाही नतीजों के दौरान यह खुलासा हुआ कि बैंक ने फॉरेक्स डेरिवेटिव से जुड़ी कुछ आय को गलत तरीके से अकाउंट किया था, जिससे लगभग ₹674 करोड़ की इनकम गलत तरीके से दिखा दी गई। इसके बाद बैंक का Q4 FY25 में ₹2,328 करोड़ का घाटा सामने आया – यह बैंक के इतिहास में पहली बार था।
इसके साथ ही CEO सुमंत कथपालिया ने अपना कार्यकाल आगे न बढ़ाने का निर्णय लिया और CFO ने भी इस्तीफा दे दिया। इससे गवर्नेंस पर गंभीर सवाल उठे हैं।
💼 ब्रोकरेज हाउस की राय:
🔻 नकारात्मक दृष्टिकोण:
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ICICI Securities: ‘Sell’ रेटिंग दी गई है और टारगेट ₹650 रखा गया है। उनका मानना है कि FY25–27 में बैंक की रिटर्न ऑन एसेट (RoA) 1% से कम रहेगी।
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Jefferies: ‘Underperform’ रेटिंग के साथ कहा कि बैंक में गवर्नेंस की कमजोरी लंबे समय तक असर डालेगी।
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Motilal Oswal: टारगेट ₹925 रखा है और रेटिंग ‘Neutral’ कर दी है।
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Nuvama: बैंक पर ‘Reduce’ रेटिंग दी और टारगेट ₹750 बताया।
⚖️ मध्यम नजरिया:
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CLSA: पहले ‘Outperform’ की रेटिंग दी थी लेकिन अब इसे ‘Hold’ में बदल दिया है और टारगेट ₹780 कर दिया है।
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Axis Capital: बैंक पर ‘Buy’ की रेटिंग बरकरार रखते हुए टारगेट ₹937 दिया है। उनका मानना है कि ज्यादा नेगेटिव पहले से ही कीमत में शामिल हो चुका है।
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Elara Securities: रेटिंग को ‘Accumulate’ में बदला और टारगेट ₹1,050 रखा है।
📈 सकारात्मक दृष्टिकोण:
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Nomura: IndusInd पर ‘Buy’ रेटिंग दी है और टारगेट ₹1,100 रखा है। उनका कहना है कि बैंक में पूंजी पर्याप्त है और माइक्रोफाइनेंस सेक्टर से रिकवरी आ सकती है।
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Citi: ‘Buy’ रेटिंग जारी रखते हुए टारगेट ₹1,160 बताया है।
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Emkay (Mint रिपोर्ट): टारगेट ₹2,000 दिया गया है, जो सबसे आक्रामक अनुमान है।
⚠️ मुख्य जोखिम (Risks):
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गवर्नेंस का संकट: CEO और CFO का जाना निवेशकों का भरोसा कमजोर कर सकता है।
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फॉरेक्स घोटाले की गहराई: एक्सटर्नल ऑडिट अभी बाकी है, और नुकसान ज्यादा हो सकता है।
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माइक्रोफाइनेंस NPA: बैंक की रिटेल लोन बुक में माइक्रोफाइनेंस का बड़ा हिस्सा है, जो अभी कमजोर है।
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प्रमोटर की भूमिका: हिंदुजा ग्रुप पूंजी डालने की योजना बना रहा है, जिससे कुछ राहत मिल सकती है।
📊 निवेशकों के लिए क्या रणनीति अपनाएं?
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शॉर्ट टर्म में सतर्कता: जिन निवेशकों का लक्ष्य छोटा है, उनके लिए यह समय जोखिम भरा हो सकता है।
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लॉन्ग टर्म निवेशक: अगर बैंक सफलतापूर्वक नया CEO लाता है, ऑडिट क्लीन निकलता है और माइक्रोफाइनेंस रिकवर होता है, तो यह एक लॉन्ग टर्म मौका बन सकता है।
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डायवर्सिफिकेशन जरूरी: बैंकिंग सेक्टर में निवेश करते वक्त केवल एक बैंक पर भरोसा न करें।
🧾 निष्कर्ष:
IndusInd Bank इस समय संकट में जरूर है, लेकिन कई ब्रोकरेज हाउस अब भी इसमें लॉन्ग टर्म संभावनाएं देख रहे हैं। जो निवेशक जोखिम लेने को तैयार हैं, उनके लिए यह एक “Value Buy” हो सकता है, बशर्ते वे अगले कुछ महीनों तक गवर्नेंस और ऑडिट की स्थिति पर नजर बनाए रखें।
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