इंटेल के CEO Lip-Bu Tan पर छाया विवाद: डोनाल्ड ट्रंप ने मांगा इस्तीफा, शेयरों में आई गिरावट
इंटेल (Intel), जो दुनिया की सबसे बड़ी चिप निर्माता कंपनियों में से एक है, आज एक बड़े विवाद के घेरे में आ गई है। कंपनी के CEO लिप-बू टैन (Lip-Bu Tan) को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है और उनके इस्तीफे की मांग की है। ट्रंप के इस बयान के बाद कंपनी के शेयरों में तेज गिरावट दर्ज की गई है।
आइए जानते हैं पूरा मामला, इसके पीछे की वजहें और इस विवाद का इंटेल पर क्या असर पड़ सकता है।
🗣️ ट्रंप का आरोप: "Highly Conflicted" CEO
डोनाल्ड ट्रंप ने Truth Social पर एक पोस्ट के ज़रिए कहा कि इंटेल के CEO "Highly Conflicted" हैं और उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने टैन के चीन से जुड़े पुराने निवेश और संबंधों को देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।
इस बयान के बाद अमेरिकी राजनीति में हलचल मच गई है और कई अन्य नेता भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देने लगे हैं।
🧾 चीन से पुराने संबंधों पर सवाल
इंटेल के CEO लिप-बू टैन पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2012 से 2024 तक ₹200 मिलियन से अधिक का निवेश चीन की टेक और चिप कंपनियों में किया था। यह जानकारी अमेरिकी सीनेटर टॉम कॉटन (Tom Cotton) ने एक पत्र में दी, जो उन्होंने इंटेल के बोर्ड चेयरमैन को भेजा था।
सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या इंटेल ने CHIPS Act के तहत मिलने वाली सरकारी मदद के बदले CEO से इन निवेशों की पूरी जानकारी ली थी या नहीं?
🏛️ पुरानी कंपनी Cadence पर भी आरोप
लिप-बू टैन, इससे पहले Cadence Design Systems के CEO रह चुके हैं। Cadence ने हाल ही में स्वीकार किया कि उन्होंने चीन की एक सैन्य विश्वविद्यालय से ग़ैरकानूनी तरीके से टेक्नोलॉजी साझा की थी, जो अमेरिकी निर्यात कानूनों का उल्लंघन था।
इस पुराने मामले को भी लिप-बू टैन के खिलाफ एक और उदाहरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
📉 शेयर बाजार में असर
डोनाल्ड ट्रंप के बयान और टॉम कॉटन के पत्र के बाद इंटेल के शेयरों में 4–5% की गिरावट दर्ज की गई है। निवेशक इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि यदि CEO को इस्तीफा देना पड़ा, तो कंपनी के नेतृत्व और भविष्य की रणनीति पर क्या असर पड़ेगा।
फिलहाल इंटेल ने इस पूरे मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, जिससे बाजार में और अधिक अनिश्चितता बनी हुई है।
📌 निष्कर्ष: बढ़ता राजनीतिक दबाव और कॉर्पोरेट जवाबदेही
इंटेल जैसी बड़ी कंपनी के CEO पर इस तरह की सार्वजनिक आलोचना और इस्तीफे की मांग, यह दिखाती है कि कैसे राष्ट्रीय सुरक्षा, चीन के साथ संबंध, और टेक्नोलॉजी सेक्टर की पारदर्शिता आज के समय में बड़े राजनीतिक मुद्दे बन चुके हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इंटेल बोर्ड और खुद लिप-बू टैन इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। क्या वे इस्तीफा देंगे? क्या कंपनी नए CEO की तलाश करेगी? या फिर यह विवाद और गहराएगा?
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