नया आयकर विधेयक 2025: ₹12 लाख की छूट, सरल नियम और डिजिटल असेसमेंट – जानें पूरी जानकारी
भारत में कर प्रणाली को और सरल, पारदर्शी और डिजिटल बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने आयकर (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किया है। 11 अगस्त 2025 को लोकसभा ने इस बिल को मंजूरी दे दी है। यह नया कानून मौजूदा Income Tax Act 1961 को पूरी तरह बदल देगा और वित्त वर्ष 2026-27 (1 अप्रैल 2026 से) लागू होगा।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे – इस बिल में क्या बदलाव हुए हैं, करदाताओं को क्या राहत मिलेगी, और यह आपकी जेब पर कैसे असर डालेगा।
1. ₹12 लाख तक की वार्षिक आय पर छूट बरकरार
नए विधेयक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ₹12 लाख तक की वार्षिक आय पर टैक्स छूट को बरकरार रखा है। इसका मतलब है कि मध्यम वर्ग के लाखों करदाताओं को राहत मिलेगी।
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पहले की तरह ही बेसिक एक्सेम्प्शन लिमिट ₹12 लाख ही रहेगी।
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इसके ऊपर की आय पर नए स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा (जिसका विवरण सरकार अलग से अधिसूचित करेगी)।
2. सेक्शन कम, नियम आसान
पुराने आयकर कानून में 819 से अधिक धाराएं (Sections) थीं, जिन्हें समझना आम आदमी के लिए मुश्किल था।
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नए कानून में इन्हें घटाकर 536 सेक्शन किया गया है।
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कानून को 23 अध्यायों में बांटा गया है, जिससे इसकी संरचना सरल और व्यवस्थित हो गई है।
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यह बदलाव न केवल पढ़ने और समझने में आसान होगा, बल्कि टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया को भी तेज बनाएगा।
3. पूरी तरह डिजिटल और फेसलेस असेसमेंट
अब टैक्स असेसमेंट की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और फेसलेस होगी।
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किसी करदाता को भौतिक रूप से आयकर विभाग में उपस्थित होने की जरूरत नहीं होगी।
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केस की जांच, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और असेसमेंट डिजिटल पोर्टल के माध्यम से होंगे।
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इसका उद्देश्य है – भ्रष्टाचार कम करना, पारदर्शिता बढ़ाना और समय बचाना।
4. देर से रिटर्न फाइल करने पर भी रिफंड मिलेगा
पुराने नियम में अगर आप समयसीमा के बाद आयकर रिटर्न (ITR) भरते थे, तो रिफंड पाने का हक खत्म हो जाता था।
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नए बिल में यह प्रावधान हटा दिया गया है।
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अब लेट ITR फाइल करने पर भी TDS का रिफंड मिलेगा।
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यह बदलाव खासतौर पर छोटे करदाताओं और फ्रीलांसरों के लिए राहतकारी है, जो समय पर फाइल नहीं कर पाते थे।
5. नोटिस के बिना कार्रवाई नहीं
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी टैक्स रिकवरी या पेनल्टी से पहले नोटिस देना अनिवार्य होगा।
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यह करदाताओं को अचानक होने वाली कार्यवाही से बचाएगा।
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इससे विभाग और करदाता के बीच विश्वास और पारदर्शिता बढ़ेगी।
6. धार्मिक ट्रस्टों में अज्ञात दान पर रोक
अगर कोई धार्मिक ट्रस्ट सामाजिक कार्य नहीं करता है, तो उसे अज्ञात स्रोत से मिले दान पर प्रतिबंध होगा।
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इसका उद्देश्य है – फर्जी लेन-देन और ब्लैक मनी पर रोक लगाना।
7. पेंशन निकासी के टैक्स नियमों में समानता
Unified Pension Scheme (UPS) और National Pension System (NPS) दोनों के तहत
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Lump Sum और Premature Withdrawal पर अब एक जैसा टैक्स नियम लागू होगा।
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यह बदलाव निवेशकों को स्पष्टता और समान लाभ देगा।
8. 'Assessment Year' की जगह 'Tax Year'
नए कानून में Assessment Year की जगह Tax Year शब्द का उपयोग होगा।
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इससे टैक्स प्रक्रिया को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने में मदद मिलेगी।
9. नए कानून का प्रभाव कब से?
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प्रभावी तारीख: 1 अप्रैल 2026
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वित्त वर्ष 2026-27 से यह कानून लागू होगा।
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टैक्सपेयर्स को एक साल का समय मिलेगा, ताकि वे नए नियमों को समझकर अपनी टैक्स योजना बना सकें।
10. आम करदाता के लिए फायदे
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सरल कानून: कम सेक्शन और आसान भाषा।
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राहत: ₹12 लाख तक की छूट से मध्यम वर्ग को राहत।
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डिजिटल सुविधा: ऑनलाइन असेसमेंट से समय और मेहनत की बचत।
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रिफंड में आसानी: देर से फाइल करने पर भी TDS रिफंड।
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समान टैक्स नियम: UPS और NPS निकासी पर बराबर टैक्स ट्रीटमेंट।
11. सावधानियां और सुझाव
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करदाताओं को अब भी समय पर ITR फाइल करने की आदत डालनी चाहिए।
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डिजिटल असेसमेंट के लिए आधार, पैन, बैंक खाते और ईमेल/मोबाइल अपडेट रखना जरूरी है।
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निवेश योजना बनाते समय नए टैक्स स्लैब और छूटों को ध्यान में रखें।
निष्कर्ष
नया Income Tax Bill 2025 भारत के टैक्स सिस्टम को सरल, पारदर्शी और डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
₹12 लाख की छूट, कम सेक्शन, फेसलेस असेसमेंट और लेट रिटर्न पर भी रिफंड जैसे प्रावधान आम करदाता के लिए राहत लेकर आएंगे।
हालांकि, नए नियमों का सही लाभ तभी मिलेगा जब करदाता जागरूक रहेंगे और समय पर अपनी टैक्स जिम्मेदारियां पूरी करेंगे।
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