Page Industries Q1 FY26 के नतीजे: राजस्व में बढ़त लेकिन लाभ में गिरावट
Page Industries, जो कि भारत में Jockey और Speedo जैसे नामी ब्रांड्स का लाइसेंसधारक है, ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1) के नतीजे जारी कर दिए हैं। कंपनी ने इस तिमाही में राजस्व में सकारात्मक ग्रोथ दिखाई है, लेकिन लाभ और मार्जिन पर दबाव देखा गया। यह ब्लॉग आपको Page Industries के तिमाही नतीजों का विस्तार से विश्लेषण देगा।
🔎 मुख्य बिंदु (Key Highlights)
मापदंड | Q1 FY26 | Q1 FY25 | परिवर्तन (YoY) |
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कुल राजस्व | ₹1,299.9 करोड़ | ₹1,258.3 करोड़ | 📈 3.3% वृद्धि |
EBITDA | ₹186.5 करोड़ | ₹211.1 करोड़ | 📉 11.7% गिरावट |
EBITDA मार्जिन | 14.3% | 16.8% | 📉 250 बीपीएस गिरावट |
शुद्ध लाभ (PAT) | ₹117.3 करोड़ | ₹158.3 करोड़ | 📉 25.9% गिरावट |
EPS | ₹104.9 | ₹141.6 | 📉 25.9% गिरावट |
📈 राजस्व में बढ़त, लेकिन लाभ में दबाव
Page Industries ने इस तिमाही में ₹1,299.9 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3.3% अधिक है। यह बढ़ोतरी कंपनी की मजबूत ब्रांड पहचान और उपभोक्ता मांग को दर्शाती है। खासकर अंडरगारमेंट्स, एथलीजर और लाउंजवियर श्रेणी में अच्छी बिक्री देखी गई।
लेकिन वहीं, EBITDA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization) में 11.7% की गिरावट दर्ज की गई और शुद्ध लाभ में भी 25.9% की कमी आई। इससे संकेत मिलता है कि कंपनी को बढ़ी हुई लागत और ऑपरेटिंग खर्चों का सामना करना पड़ा।
💹 EBITDA और मार्जिन पर असर
इस तिमाही में EBITDA ₹186.5 करोड़ रहा, जबकि पिछली साल इसी तिमाही में यह ₹211.1 करोड़ था। EBITDA मार्जिन 16.8% से घटकर 14.3% पर आ गया, यानी लगभग 250 बेसिस प्वाइंट की गिरावट।
इस गिरावट के पीछे कारण हैं:
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कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी
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प्रमोशनल खर्चों में वृद्धि
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लॉजिस्टिक्स और इन्वेंटरी प्रबंधन में चुनौतियाँ
🧵 ब्रांड प्रदर्शन और उत्पाद श्रेणी
Page Industries ने Q1 FY26 में अपने ब्रांड पोर्टफोलियो पर फोकस बनाए रखा:
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Jockey: अंडरगारमेंट और इनरवियर सेगमेंट में ब्रांड का वर्चस्व कायम है।
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Speedo: स्विमवियर और एथलीजर श्रेणी में लगातार ग्रोथ देखी गई है।
कंपनी ने नई रेंज जैसे कि Jockey Juniors और Activewear को बढ़ावा दिया, जो युवाओं और फिटनेस-केंद्रित ग्राहकों को आकर्षित कर रही है।
🏬 रिटेल और ऑनलाइन बिक्री
Page Industries ने तिमाही के दौरान अपने एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट्स (EBOs) की संख्या में वृद्धि की। साथ ही, ई-कॉमर्स चैनल से बिक्री में भी मजबूती देखी गई। डिजिटल सेल्स और ओमनीचैनल स्ट्रेटेजी से कंपनी को नए ग्राहकों तक पहुंचने में मदद मिली।
📉 निवेशकों के लिए क्या मायने हैं?
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शेयरधारकों के लिए यह तिमाही थोड़ी निराशाजनक रही क्योंकि लाभप्रदता में गिरावट आई है।
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लेकिन राजस्व में वृद्धि और ब्रांड की स्थिरता यह दर्शाते हैं कि दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक है।
🧠 प्रबंधन की रणनीति
Page Industries ने इस तिमाही में कुछ प्रमुख रणनीतियाँ अपनाई:
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मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण: ग्राहकों की खरीद शक्ति को देखते हुए प्राइसिंग स्थिर रखी गई।
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विस्तार योजनाएँ: नए शहरों और टियर-2/3 बाजारों में विस्तार।
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डिजिटल निवेश: वेबसाइट और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर अनुभव सुधार।
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ऑपरेशनल एफिशिएंसी: लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन में स्वचालन।
📊 शेयर बाजार में प्रतिक्रिया
Q1 FY26 के नतीजों के बाद शेयर बाजार ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी। हालांकि शेयर में तुरंत तेजी नहीं आई, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि कंपनी की दीर्घकालिक रणनीतियाँ लाभकारी साबित हो सकती हैं।
🔮 आगे का रास्ता
Page Industries भारत में इनरवियर और एथलीजर सेगमेंट की सबसे मजबूत कंपनियों में से एक है। जबकि इस तिमाही में लाभ में गिरावट रही, कंपनी का फोकस ब्रांड बिल्डिंग, मार्केट एक्सपेंशन और डिजिटल परफॉर्मेंस पर है, जिससे आने वाले समय में रिकवरी की संभावना बनी हुई है।
📌 निष्कर्ष
Q1 FY26 में Page Industries ने मिश्रित प्रदर्शन किया। राजस्व में वृद्धि एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन लागत बढ़ने और मार्जिन पर दबाव ने निवेशकों को थोड़ी चिंता दी है। हालांकि, कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति और ब्रांड मूल्य इसे मजबूती प्रदान करता है।
👉 यदि आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं, तो Page Industries अभी भी एक भरोसेमंद विकल्प हो सकता है। आने वाली तिमाहियों में लाभप्रदता में सुधार के संकेत मिलने पर शेयर में अच्छी तेजी आ सकती है