IOC Q1 FY26 रिजल्ट्स: मुनाफ़ा घटा, रेवेन्यू में गिरावट – जानिए पूरी रिपोर्ट
भारत की सबसे बड़ी ऑयल मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1) के नतीजे जारी कर दिए हैं। इस बार कंपनी का मुनाफ़ा और ऑपरेटिंग इनकम, दोनों में तिमाही दर तिमाही (QoQ) आधार पर गिरावट देखने को मिली है, हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि सालाना आधार (YoY) पर आंकड़े बेहतर हो सकते हैं।
मुख्य वित्तीय हाइलाइट्स (Q1 FY26)
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नेट प्रॉफिट (PAT): ₹3,528 करोड़, जो पिछली तिमाही के ₹8,124 करोड़ से 31.47% कम है।
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ऑपरेटिंग इनकम: ₹5,817 करोड़, Q4 FY25 के ₹10,705 करोड़ से 26.15% कम।
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रेवेन्यू: अनुमानित ₹1.73 – ₹1.81 लाख करोड़, जिसमें सालाना आधार पर लगभग 6–10% की गिरावट।
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EBITDA मार्जिन: करीब 8.6% (अनुमान)।
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अर्निंग्स कॉल डेट: 18 अगस्त 2025, सुबह 11:00 बजे।
तिमाही दर तिमाही (QoQ) गिरावट क्यों?
इस बार IOC के मुनाफ़े में बड़ी गिरावट के पीछे कई कारण सामने आए हैं –
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मार्केटिंग मार्जिन में दबाव – पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर सरकारी नियंत्रण और अंतरराष्ट्रीय क्रूड ऑयल की अस्थिरता ने रिटेल मार्जिन पर असर डाला।
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इन्वेंटरी लॉस – कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से स्टॉक वैल्यू कम हुई, जिससे रिफाइनरी मार्जिन प्रभावित हुए।
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अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य – मध्य-पूर्व तनाव, सप्लाई चेन लागत और डॉलर-रुपया विनिमय दर में बदलाव से लागत बढ़ी।
विश्लेषकों की राय और अनुमान
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Kotak Institutional Equities ने YoY आधार पर मुनाफ़े में 276% की बढ़त का अनुमान लगाया था और PAT ₹9,944 करोड़ तक होने की उम्मीद जताई थी।
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Emkay Global ने YoY आधार पर 159% की बढ़त का अनुमान दिया था, PAT ₹6,852 करोड़ तक पहुंचने की संभावना बताई थी।
हालांकि, तिमाही दर तिमाही नतीजों में गिरावट इन अनुमानों से अलग दिशा में इशारा करती है।
IOC का बिज़नेस मॉडल और मौजूदा चुनौतियां
IOC का बिज़नेस मुख्य रूप से तीन हिस्सों में बंटा है –
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रिफाइनिंग – कच्चे तेल को प्रोसेस कर पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, LPG आदि बनाना।
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मार्केटिंग – देशभर में पेट्रोल पंप, LPG डिस्ट्रीब्यूशन और ऑयल रिटेल नेटवर्क चलाना।
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पेट्रोकेमिकल्स – प्लास्टिक, केमिकल्स और अन्य वैल्यू-ऐडेड प्रोडक्ट्स का निर्माण।
Q1 FY26 में रिफाइनिंग मार्जिन पर अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर पड़ा, जबकि मार्केटिंग बिज़नेस में सरकारी मूल्य नियंत्रण के कारण दबाव बढ़ा।
शेयर मार्केट में IOC का प्रदर्शन
Q1 रिजल्ट्स से पहले ही 14 अगस्त 2025 को IOC का शेयर लगभग 1% गिरकर ₹141 के आसपास बंद हुआ। निवेशकों ने नतीजों में संभावित गिरावट को देखते हुए सतर्क रुख अपनाया।
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52 सप्ताह का हाई: ₹167
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52 सप्ताह का लो: ₹95
शेयर में हालिया गिरावट के बावजूद, डिविडेंड यील्ड और सरकारी सपोर्ट इसे लंबे समय के लिए एक स्थिर निवेश विकल्प बनाता है।
भविष्य की रणनीति और आउटलुक
कंपनी के मैनेजमेंट ने संकेत दिया है कि –
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ग्रीन एनर्जी में निवेश बढ़ाया जाएगा, खासकर बायोफ्यूल और हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स में।
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आने वाले महीनों में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की मांग में सुधार की उम्मीद है।
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इंटरनेशनल क्रूड प्राइस और डॉलर-रुपया रेट स्थिर होने पर मार्जिन में सुधार संभव है।
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है यह रिजल्ट?
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शॉर्ट-टर्म निवेशक – तिमाही में गिरावट और मार्केट वोलैटिलिटी के कारण रिस्क बढ़ सकता है।
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लॉन्ग-टर्म निवेशक – IOC का सरकारी समर्थन, मजबूत डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और ऊर्जा क्षेत्र में डाइवर्सिफिकेशन इसे स्थिर विकल्प बनाता है।
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डिविडेंड इनकम – IOC नियमित डिविडेंड देने के लिए जानी जाती है, जो लंबे समय के निवेशकों को आकर्षित करता है।