मंगलवार, 1 अप्रैल 2025

HAL SHARE PRICE:62700 करोड रुपए के आर्डर मिलते ही HAL के शेयर को लगे पंख शेयर में 6% की तेजी।

 HAL SHARE PRICE: रक्षा मंत्रालय 62700 करोड रुपए के आर्डर मिलते ही HAL के शेयर को लगे पंख स्टॉक में 6% की जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड को रक्षा मंत्रालय से 156 हल्के लड़ाकू विमानों का आर्डर मिला है। आईए विस्तार से जानते हैं। इस खबर को। 


HAL SHARE PRICE
रक्षा मंत्रालय  से मिला 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर का ऑर्डर।


HAL SHARE PRICE: डिफेंस सेक्टर दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (HAL) के शेयर में आज शानदार तेजी देखने को मिल रही है। इंट्राडे में शेयर में 6% तक की तेजी देखने को मिली। HAL को रक्षा मंत्रालय की तरफ से जो 156 लाइटवेट कंपैक्ट हेलीकॉप्टर का ऑर्डर मिला है। उसमें से 66 हेलीकॉप्टर इंडियन एयर फोर्स तथा बाकी के 90 हेलीकॉप्टर एस भारतीय सेना को डिलीवर किए जाएंगे। कंपनी हर साल लगभग 30 हेलीकॉप्टर की डिलीवरी करेगी। प्रचंड हेलीकॉप्टर जमीन और हवा से हवा में मार करने में सक्षम होते हैं। यह हेलीकॉप्टर 5000 मीटर की ऊंचाई पर लैंडिंग तथा टेक ऑफ करने में सक्षम होते हैं। जो भारतीय सेना को हाई एल्टीट्यूड वाले क्षेत्रों मे ऑपरेशंस के दौरान काफी सहायता मिलेगी। 

शेयर का हालिया प्रदर्शन 

शेयर ने पिछले सप्ताह लगभग तीन प्रतिशत रिटर्न दिया है। तथा 3 मार्च 2025 को शेयर ने साल का  निचला स्तर बनाया जो 3045.95 था। शेयर की रिकॉर्ड हाई की बात की जाए तो 9 जुलाई 2024 को बनाया था। जो 5675 रुपए था। शेयर अभी भी अपने हाय से लगभग 20% की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है। 

HAL पर विभिन्न ब्रोकरेज का नजरिया। 

हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड पर सभी ब्रोकरेज वुलिस नजर आ रहे हैं।UBS ने HAL को  खरीदने की सलाह दी है जिसका लक्ष्य 5440 रूपए निर्धारित किया है। ब्रोकरेज फर्म CLSA ने HAL पर आउट परफॉर्मेंस की कॉल दी है तथा इसका लक्ष्य 4662 रुपए निर्धारित किया है। इसके साथ ही जेपी मॉर्गन ने स्टॉक को खरीदने की सलाह दी है। जिसका लक्ष्य 4958 रुपए निर्धारित है।



Disclaimer : उपरोक्त जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। शेयर मार्केट में निवेश जोखिमों के अधीन है निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर ले हम किसी भी प्रकार के निवेश की सलाह यहां नहीं देते हैं|

सोमवार, 31 मार्च 2025

हल्दीराम में टेमासेक का दांव: भारतीय स्ट्रीट फूड ब्रांड का इंटरनेशनल सफर शुरू?

 हल्दीराम और टेमासेक डील: भारतीय स्नैक इंडस्ट्री में बड़ा निवेश

परिचय

भारतीय स्नैक और फूड इंडस्ट्री में हल्दीराम (Haldiram) एक प्रतिष्ठित नाम है।1937 में राजस्थान के बीकानेर से शुरू हुई हल्दीराम की कहानी आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। एक छोटे से नमकीन व्यवसाय से शुरू होकर यह कंपनी आज भारत की सबसे बड़ी स्नैक्स और मिठाई निर्माता बन गई है। भुजिया, नमकीन, मिठाइयाँ, और अब वेस्टर्न स्नैक्स तक, हल्दीराम के पास 400 से अधिक उत्पादों का विशाल पोर्टफोलियो है। कंपनी का यह विस्तार और सफलता इसके मजबूत ब्रांड मूल्य और गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

 

अपनी पारंपरिक मिठाइयों और नमकीन उत्पादों के लिए मशहूर यह ब्रांड दशकों से भारतीय उपभोक्ताओं का पसंदीदा बना हुआ है। हाल ही में, सिंगापुर की इन्वेस्टमेंट कंपनी टेमासेक (Temasek) और हल्दीराम के बीच एक बड़ी डील की खबरें सामने आई हैं। इस डील को भारतीय फूड इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह सौदा क्या है, इसका प्रभाव क्या हो सकता है, और इससे उपभोक्ताओं व उद्योग को क्या लाभ मिलेगा।





डील का विवरण HALDIRAM

टेमासेक भारतीय स्नैक और फूड इंडस्ट्री में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए हल्दीराम में 10 % हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह डील 8 से 10 अरब डॉलर (लगभग 66,000 से 82,000 करोड़ रुपये) के मूल्यांकन पर हो सकती है।

इस डील के अंतर्गत, टेमासेक हल्दीराम के उत्तरी और पश्चिमी भारत के कारोबार में एक महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक हिस्सेदारी (Minority Stake) खरीदेगा।


टेमासेक कौन है?

टेमासेक सिंगापुर सरकार द्वारा समर्थित एक ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कंपनी है, जो विभिन्न सेक्टर्स में निवेश करती है। यह फाइनेंस, टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और कंज्यूमर गुड्स में निवेश के लिए जानी जाती है। भारत में भी टेमासेक कई कंपनियों में निवेश कर चुका है, जैसे Zomato, PolicyBazaar और Tata Play


हल्दीराम: भारतीय बाजार का अग्रणी ब्रांड

हल्दीराम भारत की सबसे बड़ी स्नैक कंपनियों में से एक है। 1937 में नागपुर से शुरू हुआ यह ब्रांड आज 150+ देशों में अपने उत्पाद बेच रहा है। इसके उत्पादों में नमकीन, भुजिया, मिठाइयाँ, बेकरी आइटम्स और इंस्टेंट फूड्स शामिल हैं।

कुछ प्रमुख बातें:

  • भारतीय स्नैक मार्केट में हल्दीराम की हिस्सेदारी 35% से अधिक है।

  • सालाना राजस्व 7,000 करोड़ रुपये से अधिक है।

  • भारत के अलावा अमेरिका, यूरोप, मिडिल ईस्ट और सिंगापुर जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी मजबूत उपस्थिति है।


इस डील के संभावित फायदे

1. हल्दीराम के लिए विस्तार का अवसर

इस डील के बाद हल्दीराम को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार करने में मदद मिलेगी। टेमासेक की फाइनेंशियल ताकत और ग्लोबल नेटवर्क से कंपनी नई तकनीकों और आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) में सुधार कर सकती है।

2. भारतीय स्नैक मार्केट को बढ़ावा

इस डील से भारत के स्नैक उद्योग को एक नया आयाम मिलेगा। हल्दीराम जैसे बड़े ब्रांड में विदेशी निवेश आने से अन्य भारतीय स्नैक कंपनियों को भी ग्रोथ और निवेश के नए अवसर मिल सकते हैं।

3. नए उत्पादों की लॉन्चिंग

टेमासेक के सहयोग से हल्दीराम हेल्दी स्नैकिंग, ऑर्गेनिक फूड्स और पैकेज्ड फूड्स के नए सेगमेंट में निवेश कर सकता है। यह स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा फायदा हो सकता है।

4. रोजगार के नए अवसर

इस डील के कारण हल्दीराम के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में विस्तार होगा, जिससे हजारों नए रोजगार सृजित होंगे।


संभावित चुनौतियाँ

1. विदेशी निवेश से नियंत्रण का मुद्दा

हल्दीराम एक पारिवारिक व्यवसाय है और किसी बाहरी कंपनी को हिस्सेदारी देना आसान निर्णय नहीं है। इससे मालिकाना हक और निर्णय लेने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

2. प्रतिस्पर्धा का दबाव

भारत में स्नैक इंडस्ट्री में PepsiCo (Lay’s, Kurkure), ITC (Bingo), Balaji Wafers, और Patanjali जैसी कंपनियाँ भी मौजूद हैं। हल्दीराम को अपनी लीडरशिप बनाए रखने के लिए निरंतर इनोवेशन करना होगा।

3. ब्रांड की भारतीय पहचान

हल्दीराम एक पारंपरिक भारतीय ब्रांड है, और विदेशी निवेश से इसके ब्रांड इमेज पर प्रभाव पड़ सकता है। उपभोक्ताओं को यह लग सकता है कि इसका मूल भारतीय स्वरूप कहीं खो न जाए।


भविष्य की संभावनाएँ

यदि यह डील सफल रहती है, तो हल्दीराम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड पहचान बनाने का बड़ा मौका मिलेगा।

  • नई टेक्नोलॉजी और रिसर्च: टेमासेक की मदद से हल्दीराम नई पैकेजिंग, प्रोडक्ट इनोवेशन और डिजिटल मार्केटिंग में सुधार कर सकता है।

  • ई-कॉमर्स में विस्तार: हल्दीराम अपने प्रोडक्ट्स को Amazon, Flipkart, Blinkit और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर और अधिक आक्रामक तरीके से प्रमोट कर सकता है।

  • नए बाजारों में प्रवेश: खासकर अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में हल्दीराम के विस्तार की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं।


निष्कर्ष

हल्दीराम और टेमासेक की यह डील भारतीय स्नैक इंडस्ट्री में एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हो सकती है। यह डील न केवल हल्दीराम को अंतरराष्ट्रीय बाजार में विस्तार करने में मदद करेगी, बल्कि भारतीय स्नैक इंडस्ट्री को भी ग्लोबल पहचान दिलाएगी। हालाँकि, कुछ चुनौतियाँ भी हैं, लेकिन अगर सही रणनीति अपनाई जाती है, तो यह साझेदारी दोनों कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में यह डील किस दिशा में जाती है और इसका भारतीय उपभोक्ताओं और उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ता है।







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