सोमवार, 30 जून 2025

📉 शेयर मार्केट अपडेट: सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट, जानें कारण



📈 आज के शेयर बाजार की 10 बड़ी खबरें – 30 जून 2025

आज यानी 30 जून 2025 को शेयर बाजार में हल्का दबाव देखने को मिला। मुनाफावसूली और वित्तीय शेयरों की कमजोरी के चलते बाजार लाल निशान में बंद हुआ। आइए जानते हैं आज के दिन की शीर्ष 10 प्रमुख खबरें और उनका बाजार पर असर।


share market 30 june



🔻 1. सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट

बीएसई सेंसेक्स आज 452 अंक टूटकर बंद हुआ जबकि निफ्टी-50 में लगभग 120 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। मुनाफावसूली का दबाव प्रमुख कारण रहा।

🏦 2. वित्तीय शेयरों में बिकवाली

HDFC Bank, ICICI Bank, और Axis Bank जैसे प्रमुख बैंकों में बिकवाली देखी गई, जिससे बाजार को गिरावट का सामना करना पड़ा।

📊 3. स्मॉलकैप शेयरों में तेजी

हालांकि लार्जकैप शेयरों में कमजोरी रही, लेकिन स्मॉलकैप शेयरों ने बाज़ार में मजबूती दिखाई। यह संकेत है कि निवेशक वैल्यू स्टॉक्स की ओर ध्यान दे रहे हैं।

🏛️ 4. सरकारी बैंकों की चमक

SBI और IndusInd Bank जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने लगभग 2.6% तक की बढ़त दर्ज की। इससे बैंकिंग सेक्टर को कुछ सहारा मिला।

⚠️ 5. कर्नाटक बैंक में बड़ी गिरावट

MD और CEO के इस्तीफे की खबर के बाद Karnataka Bank के शेयरों में लगभग 7% की गिरावट देखी गई।

💊 6. टॉरेंट फार्मा की बड़ी डील

Torrent Pharmaceuticals ने JB Chemicals में 46.4% हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की, जिससे शेयर में मजबूती दर्ज हुई।

✅ 7. एलेम्बिक फार्मा को अमेरिकी मंजूरी

Alembic Pharmaceuticals को एक नई कैंसर-इलाज इंजेक्शन के लिए US FDA से मंजूरी मिली, जिससे स्टॉक 9.5% उछला।

🌊 8. ITD Cementation को नया प्रोजेक्ट

कंपनी को $67 मिलियन का नया मरीन प्रोजेक्ट मिला, जिससे स्टॉक 4% चढ़ा।

🎨 9. एशियन पेंट्स कमजोर

Asian Paints के शेयर 0.76% टूटे। यह स्टॉक अभी भी अपने 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर से 31% नीचे ट्रेड कर रहा है।

🔌 10. पॉवर ग्रिड में हल्की मजबूती

Power Grid के शेयरों में 0.07% की हल्की बढ़त रही। कंपनी अब भी अपने वार्षिक उच्चतम स्तर से 18% नीचे है।


📉 निवेशकों के लिए सुझाव:

निफ्टी में 25,500–25,300 ज़ोन को सपोर्ट माना जा रहा है, जबकि 25,850–26,000 का स्तर रेसिस्टेंस जोन है।
इस समय मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में अवसर हैं लेकिन निवेश सावधानीपूर्वक करें।





रविवार, 29 जून 2025

मज़गांव डॉक ने खरीदी कोलंबो डॉकयार्ड में हिस्सेदारी – भारत की समुद्री ताकत को मिलेगा नया बल

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मज़गांव डॉक शिपबिल्डर्स का कोलंबो डॉकयार्ड अधिग्रहण: भारत की समुद्री शक्ति में बड़ा विस्तार
लेखक: Sushil Kushwaha | अपडेटेड: 29 जून 2025


भारत की प्रमुख रक्षा और समुद्री निर्माण कंपनी मज़गांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने इस सप्ताह एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए श्रीलंका की कोलंबो डॉकयार्ड पीएलसी (CDPLC) में 51% हिस्सेदारी खरीदी है। यह सौदा लगभग 52.96 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹452 करोड़) में हुआ है। यह भारत की समुद्री रणनीति को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।





🌐 सौदे का महत्व (Strategic Importance)

इस अधिग्रहण के साथ ही मज़गांव डॉक ने अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति दर्ज की है। यह सौदा भारत को हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में एक रणनीतिक लाभ प्रदान करेगा। श्रीलंका स्थित कोलंबो डॉकयार्ड एक प्रतिष्ठित शिपबिल्डिंग और रिपेयर कंपनी है, जो अब एमडीएल की सब्सिडियरी बन जाएगी।


🔧 सौदे की प्रमुख बातें

  • खरीदार: Mazagon Dock Shipbuilders Limited (MDL)
  • लक्ष्य कंपनी: Colombo Dockyard PLC, Sri Lanka
  • हिस्सेदारी: ≥ 51%
  • मूल्य: USD 52.96 मिलियन (₹452 करोड़ लगभग)
  • समाप्ति अवधि: 6 महीने के भीतर (नियामकीय मंजूरी के बाद)

⚓ भारत की समुद्री नीति को मजबूती

यह अधिग्रहण भारत की “एक्ट ईस्ट” नीति और समुद्री सुरक्षा रणनीति को मजबूती देगा। भारत अब अपने नौसेना जहाजों, सिविल मरीन प्रोजेक्ट्स, और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के माध्यम से कोलंबो डॉकयार्ड का कायाकल्प कर सकेगा। इसके अलावा, यह सौदा चीन के बढ़ते समुद्री दबाव को संतुलित करने में मदद करेगा।


🛠 कोलंबो डॉकयार्ड का भविष्य

Colombo Dockyard को वित्तीय संकट से उबारने के लिए MDL की विशेषज्ञता और तकनीकी सहयोग बेहद अहम होगा। श्रीलंका में यह निवेश स्थानीय रोजगार, आधुनिकीकरण और नवीन प्रोजेक्ट्स की संभावनाओं को बढ़ावा देगा।


📈 निवेशकों के लिए संदेश

मज़गांव डॉक का यह वैश्विक विस्तार निवेशकों के लिए लॉन्ग टर्म ग्रोथ का संकेत है। सरकार की मेक इन इंडिया पहल और डिफेंस एक्सपोर्ट को भी इससे बढ़ावा मिलेगा। शेयर बाजार में MDL के शेयरों में इस सप्ताह उल्लेखनीय उछाल देखा गया है।


✅ निष्कर्ष

मज़गांव डॉक का कोलंबो डॉकयार्ड में निवेश भारत के समुद्री भविष्य की दिशा में दृढ़ कदम है। यह न केवल व्यापारिक रूप से लाभकारी है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और भू-राजनीतिक रणनीति की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।


अगर आप समुद्री रक्षा क्षेत्र में भारत की प्रगति पर नजर रखना चाहते हैं, तो ऐसे अपडेट के लिए जुड़े रहें।

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