रविवार, 18 सितंबर 2022

आरबीआई का टोकेनाइजेशन स्कीम क्या है। आरबीआई का कार्ड टोकेनाइजेशन नियम क्या है

 हम सभी अक्सर कार्ड से पेमेंट करते हैं और आए दिन कार्ड से होने वाले प्लॉट के बारे में भी अक्सर न्यूज़ व सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी पाते हैं इस लेख के माध्यम से हम इस ठोकने जैसन स्कीम से होने वाले फायदे के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे तो आइए पहले हम इस नियम को समझ लेते हैं

  • मुख्य बातें
  • डेबिट- क्रेडिट कार्ड का उपयोग होगा और सुरक्षित
  • ग्राहक का डाटा आरबीआई के पास होगा स्टोर
  • प्राइवेट पेमेंट कंपनियों के पास नहीं रखा जाएगा ग्राहक का डाटा  


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भारतीय रिजर्व बैंक 1 अक्टूबर से टोकेनाइजेशन सिस्टम को लागू करने जा रहा है कुछ समय से प्राइवेट पेमेंट कंपनियों की वेबसाइट पर क्रेडिट डेबिट कार्ड की सुरक्षा संबंधित जानकारी की चोरी तथा साइबर धोखाधड़ी  के कई मामले आने की शिकायत मिली है
नए सिस्टम में भविष्य भुगतान के लिए सुरक्षित रखे गए कार्ड के 16 अंकों वाले नंबर , कार्ड होल्डर का नाम एक्सपायरी की तारीख और सीवीसी नंबर को एक टोकन नंबर में बदल दिया जाएगा इसके बाद इसी नंबर को खरीदारी या अन्य भुगतान के लिए मर्चेंट वेबसाइट या प्राइवेट पेमेंट कंपनियों द्वारा उपयोग किया जाएगा
ग्राहकों के कार्ड की जानकारी को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक ने यह नियम बनाया है
अभी लेनदेन के समय प्राइवेट पेमेंट कंपनियां डेबिट क्रेडिट कार्ड की जानकारी को अपने पास सुरक्षित रख लेते हैं यदि मर्चेंट की वेबसाइट पर किसी प्रकार का साइबर हमला हो जाता है तो ग्राहकों की जानकारी चोरी होने का खतरा भी बना रहता है टोकेनाइजेशन सिस्टम लागू होने के बाद ग्राहकों की जानकारी मर्चेंट वेबसाइट पर ना होकर बैंक के पास  रहेगी 
 इस नियम के लागू होने के बाद ग्राहक को हर बार भुगतान करते समय कार्ड की जानकारी देने में लगने वाले समय की भी बचत होगी तथा इसका लाभ लेने के लिए ग्राहक को किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा

बुधवार, 14 सितंबर 2022

क्या 28 दिन की जगह 30 दिन के होंगे मंथली रिचार्ज प्लान टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (TRAI)दिए आदेश.?

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया TRAI ने सोमवार को सभी टेलीकॉम कंपनी जैसे रिलायंस जिओ वोडाफोन आइडिया एयरटेल सहित सभी बड़ी कंपनियों से 28 दिन की जगह 30 दिन की वैलिडिटी वाले प्लान लाने के निर्देश दिए हैं

       ट्राई को मिल रही थी शिकायत                                                                                            टेलीकॉम कंपनियों के प्लान्स को लेकर ट्राई को कस्टमर्स की शिकायतें मिल रही थीं। कस्टमर्स का आरोप था कि कंपनियों 30 दिन की वैलिडिटी के बजाय 28 दिन की वैलिडेटी देती है। इसके कारण उन्हें साल में 12 की जगह 13 बार रिचार्ज कराना पड़ता है। इसके बाद ट्राई ने आदेश जारी कर सभी टेलीकॉम कंपनियों को 60 दिन के अंदर कम से कम एक प्लान वाउचर, एक स्पेशल टैरिफ वाउचर और एक कॉम्बो वाउचर लाने को कहा था जिसकी वैलिडिटी 30 दिन की हो।

ट्राई ने ये भी कहा था कि हर टेलीकॉम ऑपरेटर को एक प्लान वाउचर, एक स्पेशल टैरिफ वाउचर और एक कॉम्बो वाउचर लाना होगा जो हर महीने की एक ही तारीख रिन्यू होगा। यानी अगर आपने किसी महीने की 15 तारीख को रिचार्ज किया है तो अगला रिचार्ज अगले महीने की 15 तारीख को ही कराना होगा। वहीं यदि किसी ने 31 तारीख को रिचार्ज किया है और उसके अगला महीना 30 ही दिनों का है तो रिचार्ज प्लान उस महीने की आखिरी तारीख तक ही चलेगा

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